मुझे उतार कर रख दो,
हर वक्त ओढ़े रहना
बेतुकी ज़िद है!
तुम जिन रास्तों से
बिना झिझके निकल जाओगे
मैं वहां उलझ जाऊंगी
कभी तुमसे
कभी खुद से !
आदर्श और अनुभव
एक दूसरे के सापेक्ष होकर भी
दो अलग जिंदगियां जीने को
अभिशप्त हैं...
गलत कोई नहीं
सही कोई नहीं।
__ Ismita
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