Wednesday 10 May 2023

मैं ... पीला जंगली फूल

 पहाड़ी इलाकों में

एक जंगली फूल होता है

उसका नाम मुझे पता नहीं

खुशबू याद है..

मन भर देती है !


पहाड़ी इलाकों में

पत्थरों से टकराकर

चोट खाकर  ..

नदियां खिलखिलाती हुई

आगे बढ़ जाती हैं !


पहाड़ी इलाकों में

खाई और आसमान के मध्य

पसरी हुई ढलान पर

लकड़ी के तख्तों का संतुलन

घर बन जाता है !


पहाड़ी औरतों के पैर

चट्टान के होते हैं

आंखें सूरज की..

और मन जंगली घास सा!


मैं,

वो पीला जंगली फूल,

वो नदी का पानी,

वो तख्तों का संतुलन,

वो जंगली घास...


हम उतनी ही आसानी से

नहीं भी तो हो सकते थे!


-Ismita

Sunday 2 April 2023

पकड़ कुछ ढीली...

 


टूटा-फूटा सब कुछ

जो संभाल कर रखा था

सो हटा दिया


जो छूट गया,

वो जाने दिया..


जो नहीं छूट रहा था

उसे उधेड़ने की कोशिश

अब छोड़ दी...


गिरह न खोली, न बांधी

बस पकड़ कुछ ढीली कर दी...


कंधे जो तने हुए से थे,

अब नहीं है


मन बोझिल सा जो था,

अब हल्का है


अब अच्छा लग रहा है।


-Ismita.

मैं ... पीला जंगली फूल

 पहाड़ी इलाकों में एक जंगली फूल होता है उसका नाम मुझे पता नहीं खुशबू याद है.. मन भर देती है ! पहाड़ी इलाकों में पत्थरों से टकराकर चोट खाकर  ...